ज्योतिष में रत्न के उपयोग को लेकर बहुत सारे भ्रम हैं। वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सही और शक्तिशाली पत्थर पहनना महत्वपूर्ण है।
उपयुक्त भाग्यशाली पत्थरों को चुनने के लिए विभिन्न उपलब्ध संसाधन हैं। इसके बावजूद, एक स्टारगेज़र के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सही, उचित और व्यवहार्य मोती का समर्थन करे ताकि ग्राहकों को कोई शरारत न करनी पड़े।
इस लेख में हम यह स्पष्ट करने के लिए जाएंगे कि आपके उपयुक्त, भाग्यशाली और जीवन का पत्थर क्या है जैसा कि आरोही या बढ़ते संकेत द्वारा दर्शाया गया है।
यह भारत में प्रमुख हिंदू मंदिरों की एक सूची है। 2001 की जनगणना के दौरान भारत में 2 मिलियन से अधिक हिंदू मंदिरों की संख्या दर्ज है, जिनकी संख्या में अब तक काफी वृद्धि हुई है। भारत में कई जगह हैं जहां लोग दैवीय पूजा करते हैं।
आयुर्वेदिक आहार खाने की एक ऐसी रचना है जो कई वर्षों से चली आ रही है। यह आपके शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की ऊर्जा को समायोजित करने पर आयुर्वेदिक दवा और स्पॉटलाइट के मानकों पर निर्भर करता है, जिसे भलाई में सुधार के लिए कहा जाता है।
कई अलग-अलग वजन नियंत्रण योजनाओं के विपरीत, आयुर्वेदिक आहार अनुकूलित सुझाव देता है जिसके बारे में खाद्य पदार्थ खाने और अपने शरीर के प्रकार पर निर्भर रहने से दूर रहने के लिए।
यह अतिरिक्त रूप से मुख्यधारा है क्योंकि यह अभी तक आपके मस्तिष्क के अलावा आपके शरीर के लिए बेहतर भलाई को आगे बढ़ाने के लिए नहीं कहा गया है।
यह लेख आपको उन सभी आयुर्वेदिक आहारों के बारे में सोचने की आवश्यकता है, जिनमें इसके फायदे, नुकसान और खाने और पोषण से दूर रहना शामिल है।
आयुर्वेदिक आहार खाने की एक ऐसी रचना है जो कई वर्षों से चली आ रही है। यह आपके शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की ऊर्जा को समायोजित करने पर आयुर्वेदिक दवा और स्पॉटलाइट के मानकों पर निर्भर करता है, जिसे भलाई में सुधार के लिए कहा जाता है।
कई अलग-अलग वजन नियंत्रण योजनाओं के विपरीत, आयुर्वेदिक आहार अनुकूलित सुझाव देता है जिसके बारे में खाद्य पदार्थ खाने और अपने शरीर के प्रकार पर निर्भर रहने से दूर रहने के लिए।
यह अतिरिक्त रूप से मुख्यधारा है क्योंकि यह अभी तक आपके मस्तिष्क के अलावा आपके शरीर के लिए बेहतर भलाई को आगे बढ़ाने के लिए नहीं कहा गया है।
यह लेख आपको उन सभी आयुर्वेदिक आहारों के बारे में सोचने की आवश्यकता है, जिनमें इसके फायदे, नुकसान और खाने और पोषण से दूर रहना शामिल है।
शनि देव के बारे में लोगो के मन में बहुत भय है हर कोई शनि के प्रकोप से बचना चाहता है लेकिन ये सब लोगो का जानना बहुत जरुरी है की शनि का प्रभाव हमेशा ही अशुभ नहीं होता। ये बात सब जानते है की इंसान को अपने कर्मो का फल भोगना ही पड़ता है। वह कुछ भी कर ले पर वो बच नहीं सकता हां वो दान पुण्य करके अपने कष्टों को कम अवश्य क्र सकता है लेकिन उनसे पूरी तरह से बचना असंभव है। उनके कर्मो का साया उनकी आने वाली पीढ़ी पर भी पद सकता है। आपने देखा होगा की जो बहुत धनवान लोग होते है वो पूरी जिंदगी अपनी मजे में जीते है लेकिन जब वो बीमार होते है तो लम्बे समय के लिए बिस्तर पकड़ लेते है। जिस धन को कमाने में वो अपनी पूरी जिंदगी लगा देते है वही उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते। यही है शनि के प्रभाव में आने के बाद उतार-चढ़ाव। तो आज का हमारा विषय शनि को ले कर है की शनि के हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ते है और कैसे हम कुछ उपाय करके अपने जीवन में खुशहाली ला सकते है।
The modern definition of artificial intelligence (or AI) is "the study and design of intelligent agents" where an intelligent agent is a system that perceives its environment and takes actions which maximise its chances of success.Artificial intelligence (AI), sometimes called machine intelligence. the term "artificial intelligence" is applied when a machine mimics "cognitive" functions that humans associate with other human minds, such as "learning" and "problem solving".
Sometimes a planet becomes extremely negative in a horoscope .
Planets, Every human being on the planet earth has to undergo the effects of nine planets (good or bad) – Sun, Moon, Mars, Mercury, Venus, Jupiter, Saturn, Rahu& Ketu in his life time. In which the auspicious planets change the life for......
According to Vedic astrology, when ever the Dasha, Antar Dasha and Direction of the planets in our Horoscope are bad, in general we face numbers of problems,troubles and issue in our life.
In Vedic astrology , Astrologer believe that our future is blinded with planets, and we called it as Maha dasha and Antar Dasha.
जब भी किसी व्यक्ति का जन्म होता है, तब सर्वप्रथम उसका Nakshatr Charan देखा जाता है, कि वह क्या है. क्यूंकि Nakshatr के आधार पर ही व्यक्ति की Janamkundli की बहुत सी बाते निर्भर होती हैं. की कौन सा Nakshatr है, Nakshatr का स्वामी कौन है, क्योंकि Nakshatr के स्वामी की ही Dasa से ही व्यक्ति का जीवन आगे बढ़ता है.
क्यूंकि जन्म के समय मौजूद ग्रहों की स्थिति और Nakshatro के आधार पर हमारी Kundli का निर्माण होता है और फिर यही Grah अपने-अपने स्वभाव के अनुरूप हमारे जीवन को चलाते हैं।
आजकल प्रायः शादी विवाह लगने के पहले वर-वधु या लड़के लड़की की Kundli का मिलान किया जाता है, और इस मिलान के बाद ही तय होता है की लड़का और लड़की की कुंडली विवाह के उपयुक्त है या नहीं।
क्यूंकि Kundli Milan कर आप यह भी देख सकते हैं, कि आपके होने वाले जीवनसाथी के साथ आपका कैसा तालमेल रहेगा।
व्यक्ति की सारी गतिविधियां ग्रह, नक्षत्र और राशियों से प्रभावित होती हैं। किसी भी कार्य को होने में उस कार्य से संबंधित ग्रह का क्रियान्वित होना जरूरी होता है, तभी जाकर कोई कार्य संपन्न होता है।
आपके जीवन में जो भी होता है वो आपकी कुंडली में गृह Nakshatr की स्तिथि के अनुसार होता है, और जब Kundli के किसी भाव में जब दो या दो से अधिक गृह की युति हो, और या किसी गृह में दूसरे गृह की शुभ दृष्टि पद रही हो तो तो आपकी Kundli में Yog बनता है।
क्या आप बिना किसी खास विद्या के ये अनुमान लगा सकते हैं कि आप किस तरह के career में जायँगे, JOB करेंगे या Business ? क्या आप किसी भी व्यक्ति की आजीविका के बारे सटीक अंदाजा लगा कर बता सकते है कि उसे किस फील्ड में रोजगार मिलेगा, या फिर वह बिजनेसमैन बनेगा?
सामान्य रूप में ये जानना संभव नहीं है किंतु astrology के माध्यम से ये निश्चित रूप से जाना जा सकता है कि आप किस तरह से अपनी आजीविका अर्जित करेंगे ।आप job करेंगे या business और किस area में ?
हर मनुष्य की JANAM PATRI / KUNDLI मे कोंई न कोई ग्रह शुभ और अशुभ (MARAK OR KARAK)होते है औंर जिसके कारण ही उनके भाग्य में परिवर्तन आता रहता है।
अशुभ ग्रहों को शुभ बनाना या शुभ ग्रहों को और अधिक शुभ बनाने की मनुष्य की सर्वदा चेष्टा रही है। इसके लिए मनुष्य अनेक उपाय करते हैं, जैसे मंत्र जाप, दान, औषधि स्नान, रत्न धारण, धातु एवं यंत्र धारण, देव दर्शन आदि।
vedic astrology के अनुसार ,जन्म के समय मौजूद ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के आधार पर हमारी कुंडली का निर्माण होता है और फिर यही ग्रह अपने-अपने स्वभाव के अनुरूप हमारे जीवन को चलाते हैं।
vedic astrology में नक्षत्रों का विशेष महत्व है। आपके जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है , वही आपका जन्म नक्षत्र कहलाता है |
आपके सही जन्म नक्षत्र पता होने के बाद आपके बारे में बिल्कुल सही भविष्यवाणी ( kundli prediction ) की जा सकती है। भारतीय ज्योतिष ( Indian Astrology ) में बहुत से नक्षत्र ( naksatr ) है जैसे की अश्विनी, मृगसर, पुनर्वसु, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, रेवती आदि।
जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं, धन, संपत्ति, वाहन आदि कौन नहीं चाहता। कई लोगों को ये सब पैतृक रूप से प्राप्त हो जाता है, तो कई लोग इन्हें पाने के लिए जीवनभर कठिन परिश्रम करते रहते हैं। इसके बावजूद सफलता कुछ ही लोगों के हाथ लग पाती है।
शनि साल 2018 में धनु राशि में है | यह पूरे वर्ष इसी राशि में उपस्थित रहकर अपनी दशा बदलते रहेंगे |
वैदिक ज्योतिष के अनुसार - 18 अप्रैल 2018 (बुधवार) को प्रातः 7:10 बजे से ले कर 06 सितंबर 2018 (गुरुवार) को सायं 05:02 बजे शनि धनु राशि में ही वक्री होगा औरइसके बाद इसी राशि में ही मार्गी होगा। शनि वक्री की अवधि कुल 142 दिनों की रहेगी।
आईये जानते है कि शनि के वक्री होने पर द्वादश राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार - कुंडली में कई प्रकार के दोष बताये गए है, इन्ही दोषो में एक दोष होता है, मांगलिक दोष जिसे मंगल दोष कुज दोष, भौम दोष, अंगारखा दोष भी कहते है।
जब कोई ज्योतिषी आपसे कहता है कि आपका भाग्योदय होने वाला है, या कहे कि आपका अच्छा समय चल रहा है या खराब समय चल रहा है या कहे कि फलां दौर आपका सबसे अनुकूल समय था|
तो उस समय ज्योतिषी आपकी कुण्डली के कारक और मारक ग्रह की दशा को देख रहा होता है।